निर्यात के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के उद्देश्य से केंद्र
सरकार ने आज राज्यों से कहा कि वे अपनी निर्यात रणनीति को चुस्त करने के लिए खुद
की विदेश व्यापार नीति बनाएं। वाणिज्य सचिव रीता तेवतिया और विभिन्न राज्यों के
वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई बैठक के दौरान राज्यों से कहा गया कि वे निर्यात को
बढ़ाने के लिए अपने बुनियादी ढांचे के विकास पर काम करें, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र, औद्योगिक पार्क, आर्थिक गलियारे बनाना शामिल है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'आज तमाम मसलों पर चर्चा हुई। हमने राज्य सरकार के अधिकारियों से कहा है कि सड़क, बंदरगाह और बिजली सहित निर्यात के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण पर काम करें। हमने उनसे यह भी अनुरोध किया है कि वे निर्यात आयुक्त नियुक्त करें और अपनी खुद की व्यापार नीति बनाएं।' देश की निर्यात गतिविधियों में राज्यों को शामिल करने की कवायद में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कारोबार सुविधा परिषद का भी गठन किया है, जिसकी चेयरमैन वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारामन होंगी।
अब राज्य सरकारें खुद भी अपना निर्यात प्रदर्शन आकलन कर सकेंगी, क्योंकि वाणिज्यिक खुफिया एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआई ऐंड एस) पोर्टल पर आंकड़े जारी कर रहा है। सरकार का लक्ष्य राज्यों को सही समय पर आंकड़े उपलब्ध कराना है। अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय करों की तत्काल वापसी और नियामकीय माहौल आसान बनाने पर भी चर्चा हुई।
सरकार जहां निर्यात बढ़ाने की कोशिशों में लगी है, वहीं जून के निर्यात के आंकड़ों से पता चलता है कि इसमें 15.82 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह लगातार सातवां महीना है, जब निर्यात में कमी आई है। निर्यात में दिसंबर 2014 से गिरावट हो रही है। विदेश व्यापार नीति 2015-20 में 2020 तक 900 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है। बहरहाल निर्यातक इस बात से चिंतित हैं कि नई एफटीपी में व्यापारिक वस्तुओं के निर्यात पर मिलने वाली छूट में कमी कर दी
गई है।
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अब राज्य सरकारें खुद भी अपना निर्यात प्रदर्शन आकलन कर सकेंगी, क्योंकि वाणिज्यिक खुफिया एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआई ऐंड एस) पोर्टल पर आंकड़े जारी कर रहा है। सरकार का लक्ष्य राज्यों को सही समय पर आंकड़े उपलब्ध कराना है। अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय करों की तत्काल वापसी और नियामकीय माहौल आसान बनाने पर भी चर्चा हुई।
सरकार जहां निर्यात बढ़ाने की कोशिशों में लगी है, वहीं जून के निर्यात के आंकड़ों से पता चलता है कि इसमें 15.82 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह लगातार सातवां महीना है, जब निर्यात में कमी आई है। निर्यात में दिसंबर 2014 से गिरावट हो रही है। विदेश व्यापार नीति 2015-20 में 2020 तक 900 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है। बहरहाल निर्यातक इस बात से चिंतित हैं कि नई एफटीपी में व्यापारिक वस्तुओं के निर्यात पर मिलने वाली छूट में कमी कर दी
गई है।
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