कारपेट में लेटेक्स प्रोसेस पर
प्रकाश डाला
कल्सटर कार्यक्रम में
कारपेट का निर्यात कैसे बढ़े विषय को लेकर आयोजित सेमिनार में कारपेट में लेटेक्स
प्रोसेस की आधुनिक विधि पर प्रकाश डाला गया। सेमिनार में हरियाणा कारपेट
मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के सचिव अनिल मित्तल ने वर्तमान में चल रही लेटेक्स
प्रणाली तथा आधुनिक लेटेक्स प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चीन के मुकाबले
कारपेट उद्योग को बचाने के लिए सस्ते कारपेट बनाने होंगे। अब हैंड मेड कारपेट के
स्थान पर मशीनों द्वारा तैयार किया गया कारपेट विदेशों में पंसद किया जा रहा है।
इसी लिए चीन की मार्केट का विस्तार हो रहा है। ऐसे में हमें भी आधुनिक तकनीक का
इस्तेमाल करना होगा तभी हम अपने उद्योग को बचा सकते हैं। आधुनिकीकरण के लिए धन की
जरूरत है इसके लिए सिडबी ने हाथ बढ़ाए हैं। जो स्वागत योग्य है।
कार्यक्रम में दी
टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्सटाइल साइंस के प्रोफेसर सुमन भंट्टाचार्य ने
विस्तार से आधुनिक लेटेक्स प्रणाली पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर कारपेट उद्यमियों
से उनकी समस्याओं के जवाब भी प्रश्नोत्तरी सैशन में दिए गए। कार्यक्रम में पहुंचे
स्माल इंडस्ट्री डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया के जीएम अवधेश सहित पीएनबी के एजीएम
जीएल फुलवारी ने वित्त सहायता संबंधी विभिन्न स्कीमों की जानकारी कारपेट उद्यमियों
को दी।
कार्यक्रम में उद्योगों को
आधुनिक बनाने के साथ-साथ उद्योगों की क्षमता के बढ़ाने के लिए चलाई गई विभिन्न
स्कीमों की जानकारी भी दी गई। इस अवसर पर सभी अधिकारियों तथा विशेषज्ञों का कारपेट
एसोसिएशन के प्रधान सत्येंद्र गुलिया ने स्वागत किया। गुलिया ने कहा कि इन
कार्यक्रम से पानीपत के कारपेट उद्योगों को राहत मिलेगी। डूबते उद्योगों के लिए यह
जानकारी संजीवनी का काम करेगी। कारपेट के निर्यात बढ़ सकेगा। इस अवसर पर मनोज
अरोड़ा, राजेश सचदेवा, राकेश मुद्रा, मनदीप डाबर, राजेंद्र शर्मा, आजाद मलिक सहित मोहित गावड़ी
मौजूद रहे।
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