
दिसंबर 2014 से निर्यात में लगातार गिरावट आने की वजह से वाणिज्य सचिव का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत निश्चित ही अंतरराष्ट्रीय व्यापार बढ़ाने के लिए कई देशों के साथ व्यापार समझौते करेगा। जापान, दक्षिण कोरिया और कुछ अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) हो चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूरोपीय संघ के साथ समझौते के लिए बातचीत चल रही है।
तेवतिया ने मेक इन इंडिया की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार मैन्यूफेक्चरिंग को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है। इसके साथ ही रिसर्च एंड डवलपमेंट को प्रोत्साहन और हाई स्टैंडर्ड उत्पादों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। निर्यात में तेजी लाने को उच्च क्वालिटी के उत्पादों को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता में है।
दिसंबर 2015 में लगातार 13वें माह भारत का निर्यात घटा था। इस दौरान भारत का निर्यात 15 फीसदी घटकर 22.5 अरब डॉलर (153,000 करोड़ रुपये) रह गया। इंजीनियरिंग और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में भारी गिरावट आने से कुल निर्यात कम रहा। इस तरह मौजूदा वित्त वर्ष में भारत का निर्यात गिर सकता है। पिछले वित्त वर्ष में निर्यात 310.5 अरब डॉलर (21,11, 400 करोड़ रुपये) निर्यात रहा था

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