सरकार ने दृष्टि बाधित व्यक्तियों के लिए टॉल फ्री ‘आईवे नेशनल हेल्प डेस्क’ लांच किया |
नि:शक्त जन अधिकारिता विभाग के सचिव श्री लव वर्मा ने पर्यावरण भवन में विभाग मुख्यालय में दृष्टिहीन तथा दृष्टि बाधित लोगों के लिए ‘आईवे नेशनल हेल्पडेस्क’ को औपचारिक रूप से लांच किया। आईवे नेशनल हेल्पडेस्क एसेल फाउंडेशन, टेक महिंद्रा फाउंडेशन तथा हैन्स फाउंडेशन जैसे संगठनों के समर्थन से स्कोर फाउंडेशन की पहल है। अब भारत के दृष्टि बाधित नागरिक टॉल फ्री नंबर 1800-300-20469 पर आईवे नेशनल हेल्पडेस्क को कॉल करके अपनी सूचनाओं का जवाब प्राप्त कर सकते हैं। यहां पर प्रशिक्षित काउंसिलर सूचना साझा करेंगे और प्रसांगिक पेशेवर समाधान के साथ कॉलर से जुडेंगे।
नि:शक्त जन अधिकारिता सचिव आईवे नेशनल हेल्पडेस्क 1800-300-20469 लांच किए जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए
श्री लव वर्मा ने कहा कि दृष्टिहीन तथा दृष्टि बाधित लोग देश के मानव संसाधन के क्षमतावान हिस्सा है। उन्होंने बताया कि नि:शक्तजनों संबंधित सूचनाओं के प्रचार-प्रसार, शिकायतों पर नजर तथा कौशल/रोजगार में नि:शक्तजनों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) के माध्यम से एनआईसीएसआई के साथ मिलकर हेल्पडेस्क/हेल्प सेंटर विकसित किया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में यह हेल्प डेस्क जरूरतमंद लोगों के लिए आंख दान के कार्य में भी मददगार होगा1
आईवे सिंगल स्टोप नॉलेज रिसोर्स सेंटर है। यह दृष्टि बाधित लोगों के साथ सूचना साझा करके और आवश्यक परिवर्तन की बात करके उन्हें अधिकार संपन्न बनाता है। इस नेशनलहेल्प डेस्क टॉल फ्री नंबर पर भारत का कोई भी नागरिक कॉल कर सकता है और अपनी क्षेत्रीय भाषा में अपनी समस्याओं के बारे में सूचना प्राप्त कर सकता है। यह सूचनाएं दृष्टिहीनता के साथ जीवन बिताने काउंसलिंग एडवोकेसिव, निजी या कानूनी मामले, सरकारी योजनाओं तथा कार्यक्रमों, रोजगार और शिक्षा से संबंधित हो सकती हैं।
नि:शक्त जन अधिकारिता विभाग के संयुक्त सचिव श्री अवनिश कुमार अवस्थी आईवे नेशनल हेल्पडेस्क 1800-300-20469 लांच किए जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए।
नि:शक्त जन अधिकारिता विभाग के संयुक्त सचिव श्री अवनिश कुमार अवस्थी ने हेल्पडेस्क सेवा शुरू करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विभाग नि:शक्तजनों की सहायता और समर्थन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सार्वजनिक और निजी हितधारकों को शामिल करने के लिए संकल्पबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि यह अनूठा प्रयास अनेक हेल्प लाइनों के लिए सगुन साबित होगा। श्री अवस्थी ने कहा कि ऐसे प्रयासों में विभाग समर्थन देगा।
नि:शक्त जन अधिकारिता विभाग के संयुक्त सचिव श्री मुकेश जेन ने कहा कि अक्सर सूचनाओं की कमी के कारण दृष्टि बाधित व्यक्ति हासिए पर रह जाते हैं और वह स्वतंत्र आर्थिक और सामाजिक रूप से उत्पादन जीवन नहीं बिता पाते। उन्होंने कहा कि सार्वभौमिक पहूंच समय की आवश्यकता है और इसी भावना के साथ विभाग ने सुगम्स भारत अभियान लांच किया है। इसका लक्ष्य अंतर्निहित वातावरण, सार्वजनिक परिवहन और सूचना संचार टेक्नोलॉजी में पहूंच कायम करना है।
नि:शक्त जन अधिकारिता विभाग के संयुक्त सचिव श्री मुकेश जैन आईवे नेशनल हेल्पडेस्क 1800-300-20469 लांच किए जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए।
आईवे हेल्पडेस्क टॉल फ्री नंबर क्लाउड टेक्नोलॉजी पर आधारित है।
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