नई दिल्ली. वाणिज्य मंत्रालय ने ईज
ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में अहम कदम उठाते हुए आवेदन फीस के ऑनलाइन पेमेंट की
सुविधा शुरू कर दी है। इसके जरिए क्रेडिट, डेबिट या
अन्य इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर के जरिए पेमेंट किए जा सकेंगे। मंत्रालय का यह
कदम निर्यातकों और आयातकों के लिए कारोबार की राह और आसान करेगा।
वाणिज्य सचिव रीता तियोतिया का कहना
है कि ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा शुरू होने से निर्यातकों और आयातकों को मदद मिलेगी।
इससे ट्रांजेक्शन लागत कम होगी और देश का कारोबार बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हमें
निर्यात को ऑटोमेशन पर लाने की जरूरत है। ट्रेडर्स को हमारे आफिस नहीं हाना होगा।
यह एक उत्कृष्ट पहल है। यह कदम निश्चित रूप से निर्यातकों को काफी सहूलियत उपलब्ध
कराएगा। इससे सिस्टम में पारदर्शिता भी लाएगी।
विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी)
प्रवीर कुमार ने कहा कि नई सुविधा लांच होने से आवेदक डीजीएफटी को चौबीसों घंटे
नेट बैंकिंग या क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिए फीस का ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे।
इससे सरकार के बैंक खते में फीस ट्रांसफर सुनिश्चित हो जाएगा। बैंक ड्रॉफ्ट बनवाने
में होने वाली बेवजह की देरी से अब निजात मिलेगी।
डीजीएफटी का सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
से करार
डीजीएफटी ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
से पेमेंट गेटवे सर्विस उपलब्ध कराने के लिए एक करार किया है। इसके तहत सेंट्रल
बैंक डीजीएफटी के पोर्टल पर आवेदकों, निर्यातकों,
आयातकों को आवेदन फीस के ऑनलाइन पेमेंट के लिए पेमेंट
गेटवे सेवा उपलब्ध कराएगा। सेंट्रल बैंक सभी सफल ट्रांजेक्शन के लिए ई-चालान,
बैंक्स स्क्रोल्स, ट्रांजेक्शन आईडी उपलब्ध कराएगा। ट्रांजेक्शन विफल होने पर 3 दिन के भीतर आवेदक के खाते में रिफंड हो जाएगा।
सरकारी और निजी क्षेत्र के 53 बैंक इस तरह की सुविधांए उपलब्ध करा रहे हैं। इनमें
इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक,
आईडीबीआई बैंक, पंजाब
नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और डायचे बैंक
शामिल हैं।नई दिल्ली. वाणिज्य मंत्रालय ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में अहम
कदम उठाते हुए आवेदन फीस के ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा शुरू कर दी है। इसके जरिए
क्रेडिट, डेबिट या अन्य इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर
के जरिए पेमेंट किए जा सकेंगे। मंत्रालय का यह कदम निर्यातकों और आयातकों के लिए
कारोबार की राह और आसान करेगा।
वाणिज्य सचिव रीता तियोतिया का कहना
है कि ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा शुरू होने से निर्यातकों और आयातकों को मदद मिलेगी।
इससे ट्रांजेक्शन लागत कम होगी और देश का कारोबार बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हमें
निर्यात को ऑटोमेशन पर लाने की जरूरत है। ट्रेडर्स को हमारे आफिस नहीं हाना होगा।
यह एक उत्कृष्ट पहल है। यह कदम निश्चित रूप से निर्यातकों को काफी सहूलियत उपलब्ध
कराएगा। इससे सिस्टम में पारदर्शिता भी लाएगी।
विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी)
प्रवीर कुमार ने कहा कि नई सुविधा लांच होने से आवेदक डीजीएफटी को चौबीसों घंटे
नेट बैंकिंग या क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिए फीस का ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे।
इससे सरकार के बैंक खते में फीस ट्रांसफर सुनिश्चित हो जाएगा। बैंक ड्रॉफ्ट बनवाने
में होने वाली बेवजह की देरी से अब निजात मिलेगी।
डीजीएफटी का सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
से करार
डीजीएफटी ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
से पेमेंट गेटवे सर्विस उपलब्ध कराने के लिए एक करार किया है। इसके तहत सेंट्रल
बैंक डीजीएफटी के पोर्टल पर आवेदकों, निर्यातकों,
आयातकों को आवेदन फीस के ऑनलाइन पेमेंट के लिए पेमेंट
गेटवे सेवा उपलब्ध कराएगा। सेंट्रल बैंक सभी सफल ट्रांजेक्शन के लिए ई-चालान,
बैंक्स स्क्रोल्स, ट्रांजेक्शन आईडी उपलब्ध कराएगा। ट्रांजेक्शन विफल होने पर 3 दिन के भीतर आवेदक के खाते में रिफंड हो जाएगा।
सरकारी और निजी क्षेत्र के 53 बैंक इस तरह की सुविधांए उपलब्ध करा रहे हैं। इनमें
इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक,
आईडीबीआई बैंक, पंजाब
नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और डायचे बैंक
शामिल हैं। कारोबारी अब अपनी फीस या पेनल्टी का
भुगतान इंटरनेट के जरिए कर सकेंगे। वाणिज्य मंत्रालय और डीजीएफटी ने एक्सपोर्टर्स
और इंपोर्टर्स की सुविधा के लिए ऑनलाइन पेमेंट सर्विस लॉन्च कर दी है। अब वो किसी
भी बैंक के क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिए या इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर के जरिए
ऑनलाइन पेमेंट कर सकेंगे। देश के 53 बैंक इस सुविधा
से जोड़े गए हैं।
डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड यानी
डीजीएफटी ने बिजनेस करना आसान बनाने के मकसद से एक और कदम उठाए हैं। कारोबारियों
की सुविधा के लिए अब इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट का दायरा और बढ़ा दिया गया है। डीजीएफटी
के इस कदम के बाद अब एक्सपोर्टर्स-इंपोर्टर्स अपने कारोबार से जुड़ी किसी फीस या
पेनल्टी का भुगतान ऑनलाइन कर सकेंगे। देश के 53 बैंकों को इस सर्विस से जोड़ा गया है, जिसके बाद कारोबारी किसी भी बैंक के क्रेडिट या डेबिट कार्ड या
इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सर्विस के जरिए पेमेंट कर सकेंगे।
डीजीएफटी के डीजी प्रवीर कुमार का
कहना है कि कोशिश रहेगी कि ट्रेडर्स से फिजिकल पेपर ना लिये जाएं। ट्रेडर्स को 24x7
365 दिन ट्रेडिंग की फेसिलिटी देने की दिशा में आगे बढ़ रहे
हैं ताकि उसे ऑफिस आने की भी जरुरत ना पड़े।
सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेसकी वर्ल्ड
बैंक की सूची में भारत को आने वाले 3 साल में टॉप 50 देशों में शामिल करना चाहती है। इस मकसद से पिछले कुछ समय
में वाणिज्य मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं। इनमें ईबिज़ पोर्टल, ऑनलाइन पेमेंट, ऑनलाइन एप्लिकेशन,
और ट्रेडिंग के लिये जरूरी 14 दस्तावेजों को घटाकर 3 किया जाना शामिल
है।
एक्सपोर्टर्स के पास अगर पैन कार्ड
है तो आने वाले दिनों में उसे इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड के लिए अलग से फॉर्म देने की
जरूरत नहीं होगी। डीजीएफटी आपकी सारी इन्फॉर्मेशन अब पैन के जरिए ले सके, उसके लिये डीजीएफटी और सीबीडीटी साथ में मिलकर एक ऑनलाइन
सिस्टम डेवलप करने की दिशा में आगे बढ़ने की सोच रही हैं।
सरकार अपने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के
सपने को डिजिटल इंडिया के साथ जोड़कर आगे बढ़ना चाहती है। अब ई-ट्रेडिंग के बाद
एम-ट्रेडिंग यानी वाणिज्य मंत्रालय की सारी सेवाएं मोबाइल ऐप के जरिये देने पर भी
विचार किया जा रहा है।
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