भारत सरकार
वस्त्र मंत्रालय
राज्य सभा
तारांकित प्रश्न संख्या *204
7 अगस्त, 2015 को उत्तर दिए जाने
के लिए
बुनकरों
के कल्याण के लिए धनराशि का आवंटन
*204. श्री
अरविन्द कुमार सिंह:
क्या
वस्त्र मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) देश में बुनकरों के कल्याण के
लिए क्रमश: वर्ष 2014-15 और 2015-16 के
दौरान आवंटित एवं जारी की गई धनराशि का, योजना-वार एवं राज्य-वार,
ब्यौरा क्या है;
(ख) वर्ष 2014-15 के दौरान
उपयोग की गई धनराशि का, योजना-वार एवं राज्य-वार, ब्यौरा क्या है;
(ग) विगत एक वर्ष के दौरान देश में बुनकरों को बाजार
संबंधी सुविधाएं प्रदान करने में सरकार की क्या उपलब्धियां रही हैं; और
(घ) देश में विशेषकर, उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी, आजमगढ़, मऊ, बलिया, गाजीपुर और गोरखपुर
में बुनकरों की दयनीय अवस्था में कोई सुधार न होने के क्या कारण हैं?
उत्तर
वस्त्र
राज्य मंत्री (स्वतंत्र
प्रभार)
(श्री
संतोष कुमार गंगवार)
(क)से
(घ):
एक विवरण सभा पटल पर रख दिया गया है ।
राज्य सभा के दिनांक 7.8.2015 के तारांकित
प्रश्न संख्या *204 के भाग (क) से (घ) के उत्तर में उल्लिखित विवरण ।
(क): देश में बुनकरों के कल्याण के लिए वर्ष
2014-15 और 2015-16 के दौरान आबंटित और जारी धनराशि का योजना-वार और राज्य-वार
विवरण अनुबंध- “क” और “ख” में है ।
स्वास्थ्य बीमा योजना अब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जानी है ।
(ख): वर्ष 2014-15 के लिए बजट अनुमान की अवस्था
में 597.00 करोड़ रुपये की धनराशि आबंटित की गई थी जिसमें
से विकास आयुक्त (हथकरघा) कार्यालय द्वारा कार्यान्वित विभिन्न योजनाओं के तहत 415.45 करोड़ रुपये की धनराशि उपयोग में लाई गई । धनराशियों का योजना-वार और
राज्य-वार उपयोग अनुबंध- “ग” और “घ” में दिया गया है । राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम के तहत राज्य
सरकारों और राष्ट्रीय स्तर के दूसरे संगठनों, निगमों, शीर्ष सोसाइटियों आदि को भी धनराशि जारी की
जाती है । यार्न आपूर्ति योजना और हथकरघा बुनकर व्यापक कल्याण योजना के तहत
कार्यान्वयन एजेंसियों को सीधे ही धनराशि जारी की जाती है ।
(ग)
और (घ): राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम के हथकरघा
विपणन सहायता घटक के तहत समूचे देश में वर्ष 2014-15 के दौरान कुल 397 राष्ट्रीय
और विशेष हथकरघा प्रदर्शनियां और जिला स्तरीय आयोजन किए गए । इनका ब्यौरा अनुबंध
“ड.” में दिया गया है । सरकार हथकरघा उत्पादों का विकास
व संवर्धन करने तथा वाराणसी और इसके
आस-पास के क्षेत्रों आजमगढ़, मऊ, बलिया, गाजीपुर और
गोरखपुर के हथकरघों की समृद्ध परम्परा
को आगे बढ़ाने के लिए वाराणसी में
व्यापार सुविधा केन्द्र और शिल्प
संग्रहालय स्थापित करने के लिए एक
परियोजना कार्यान्वित कर रही है । इस
परियोजना पर 200 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है और आशा है कि यह वर्ष 2017 से काम करना आरंभ कर देगी ।
|
2014-15 और
2015-16 के लिए बजट अनुमान और संशोधित अनुमान
|
(करोड़ रुपये)
|
क्रम सं.
|
योजना का नाम
|
2014-15
|
2015-16
|
आयोजना
|
बजट अनुमान
|
संशोधित अनुमान
|
जारी
|
बजट अनुमान
|
जारी
(
31.7.2015 तक)
|
1
|
हथकरघा
बुनकर व्यापक कल्याण योजना
|
85.00
|
57.50
|
42.25
|
20.00
|
|
2
|
मिल
गेट कीमत योजना/यार्न आपूर्ति योजना
|
130.00
|
130.00
|
127.81
|
150.00
|
124.25
|
3
|
राष्ट्रीय
हथकरघा विकास कार्यक्रम
|
362.00
|
292.00
|
227.39
|
150.00
|
4.56
|
3
(क)
|
व्यापार
सुविधा केन्द्र और शिल्प संग्रहालय (टीएफसी एंड सीएम)
|
|
|
80.00
|
4.98
|
4
|
व्यापक हथकरघा क्लस्टर विकास योजना
|
20.00
|
18.00
|
18.00
|
6.60
|
3.60
|
कुल (आयोजना)
|
597.00
|
497.50
|
415.45
|
406.60
|
137.39
|
व्यापार
सुविधा केन्द्र और शिल्प संग्रहालय 2014-15 के दौरान
शुरु हुआ था ।
|
0 comments:
Post a Comment