हमारा सपना है कि दुनिया के कोने-कोने के लोग गर्व से ‘मेड इन इंडिया’ हस्तशिल्प उत्पादों के प्रति इच्छा व्यक्त करें : वस्त्र मंत्री
फैशन का हथकरघा और हस्तशिल्प से संपर्क दोनों के लिए लाभकारी: श्री संतोष कुमार गंगवारवस्त्र मंत्री ने कारीगरों के सशक्तिकरण के लिए हस्तशिल्प के विकास हेतु नये सामूहिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालानिफ्ट ने अपनी शिक्षा में स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय फैशन तकनीकों का दक्षता से समायोजन किया है: वस्त्र मंत्री
हस्तशिल्प सामूहिक पहल और अंतर्राष्ट्रीय सहमति पत्रों ने निफ्ट के अंतर्राष्ट्रीय स्थानीय दृष्टिकोण को उजागर किया: वस्त्र मंत्री सरकार शिलांग, रायबरेली और श्रीनगर में निफ्ट परिसरों के निर्माण में आर्थिक सहायता दे रही है: वस्त्र मंत्री
सांसदों ने हस्तशिल्पों के विपणन और प्रचार गतिविधियों को सशक्त बनाने का आह्वान किया
निफ्ट की विश्व स्तरीय गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए सांसदों ने मंत्रालय और निफ्ट को बधाई दी
दुनिया के कोने-कोने के लोग गर्व से ‘मेड इन इंडिया’ हस्तशिल्प उत्पादों के प्रति इच्छा व्यक्त करे : यही वह सपना है, जो वस्त्र मंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार नेनिफ्ट, हैदराबाद में मेक इन इंडिया सप्ताह के उद्घाटन की पूर्व संध्या पर वस्त्र मंत्रालय से संबंधित संसदीय सलाहकार समिति के सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत किया। मेक इन इंडिया सप्ताह का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। श्री गंगवार ने कहा कि कारीगर स्वयं हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को गौरवान्वित नहीं कर सकते, इसके लिए सरकार के प्रयासों के साथ-साथ समस्त हितधारकों के मिले-जुले विजन और प्रयासों की आवश्यकता होगी। श्री गंगवार ने कहा कि हमारी समस्त ऊर्जा, संसाधनों और उद्यमों को इस सपने को साकार करने के तरीके और साधन तलाशने में जी-जान से जुटना होगा।
वस्त्र मंत्री ने सरकार द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयासों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि समग्र राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है, जो शिल्पों और कारीगरों के समग्र विकास और सहायता के लिए एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने पर जोर देता है। नया दृष्टिकोण समूहिक स्तर पर आसानी से सुलभ सामान्य सुविधा केंद्रों के माध्यम से कौशल सुधार, अभिकल्प विकास, उन्नत प्रौद्योगिकी और कच्चे माल की आपूर्ति के जरिये कारीगरों को सशक्त बनाने के मूल कारकों पर आधारित है। निर्यातक, प्रत्यक्ष बिक्री, बिक्री प्रदर्शिनयों में भागीदारी और ई-कॉमर्स जैसे विभिन्न विकल्पों के माध्यम से विपणन के संपर्क विकसित करना और उन्हें सशक्त बनाना नये दृष्टिकोण का एक अन्य प्रमुख संघटक है। हस्तशिल्प कारीगर समग्र कल्याण योजनाओं के माध्यम से कारीगरों का कल्याण किया जा रहा है। श्री गंगवार ने हस्तशिल्प क्षेत्र के निर्यात संबंधी निष्पादन के बारे में भी चर्चा की।
निफ्ट के बारे में चर्चा करते हुए श्री गंगवार ने कहा कि फैशन शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में देश के इस प्रमुख अकादमिक संस्थान ने अपने शिक्षण में स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय फैशन तकनीकों का दक्षता से समायोजन किया है। शिल्प सामूहिक पहल के जरिये निफ्ट शिक्षकों, छात्रों और पूर्व छात्रों ने परंपरागत हस्तशिल्पों और हथकरघों के विकास में अग्र सक्रिय भूमिका निभाई, साथ ही निफ्ट ने नवीनतम वैश्विक रुझानों और विकास के बराबर रहने के लिए 34 सहमति पत्रों के माध्यम से दुनियाभर के प्रमुख फैशन संस्थानों के साथ गठबंधन किया है। श्री गंगवार ने कहा कि निफ्ट कार्यक्रमों की अकादमिक विश्वसनीयता की बदौलत हर साल इसके विभिन्न परिसरों से लगभग 3000 व्यवसायी निकलते हैं और फैशन उद्योग के विख्यात नामों के साथ जुड़ते हैं। उन्होंने कहाकि फैशन स्कूलों की स्वतंत्र रेटिंग करने वाले लगभग सभी सर्वेक्षणों में निफ्ट के परिसरों को अपनी तालिकाओं में उत्कृष्ट स्थान दिया है। श्री गंगवार ने कहा कि भारत सरकार इस समय शिलांग, रायबरेली और श्रीनगर में निफ्ट परिसरों के निर्माण के लिए आर्थिक सहायता दे रही है।
श्री गंगवार ने कहा कि मंत्रालय के आदेश से निफ्ट हथकरघों और हस्तशिल्पों के साथ व्यापक संपर्क की दिशा में अग्रसर हो रहा है। उन्होंने कहा कि हथकरघों और हस्तशिल्पों के साथ सपंर्क दोनों के लिए लाभकारी होगा अर्थात जहां एक ओर निफ्ट के छात्र हमारी कलात्मक धरोहर से अवगत होंगे, वहीं दूसरी ओर हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र को नये विचार, परख और प्रौद्योगिकी प्राप्त होगी। श्री गंगवार ने कहा कि निफ्ट का एक अन्य महत्वपूर्ण आयाम महिलाओं के रोजगार और सशक्तिकरण की दिशा में उसकी भूमिका है और इसके छात्रों में लगभग 80 प्रतिशत लड़कियां हैं।
सांसदों ने कारीगरों तक सरकारी योजनाओं की पहुंच में सुधार लाने की जरूरत पर बल दिया। इस क्षेत्र में राजस्व और निर्यात की अपार संभावनाओं का हवाला देते हुए सांसदों ने विज्ञापन और अन्य माध्यमों के जरिये विपणन और प्रचार की गतिविधियों को सशक्त बनाने का आह्वान किया। श्री गंगवार ने कहा कि सरकार ने पहले से ही हस्तशिल्पों को पर्यटन के साथ जोड़ना शुरू कर दिया है और वह इस कदम को उत्साह से आगे बढ़ा रही है।
श्री गंगवार ने कहा कि निफ्ट को इस बात का श्रेय जाता है कि इस साल दाखिले के मामले में एक भी शिकायत सामने नहीं आई। सांसदों ने निफ्ट की विश्वस्तरीय गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए मंत्रालय और निफ्ट को बधाई दी। उन्होंने दुनियाभर के 34 प्रतिष्ठित फैशन संस्थानों के साथ संस्थान के गठबंधन की भी सराहना की। एक सांसद ने छात्रों की संख्या बढ़ाने की जरूरत पर भी बल दिया।
श्री गंगवार ने सांसदों के बहुमूल्य सुझावों के लिए उनका अभार व्यक्त किया और मंत्रालय के प्रयासों में सहयोग देने का अनुरोध किया। उन्होंने इस बात पर भी संतोष व्यक्त किया कि वस्त्र क्षेत्र निर्यात में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। श्री गंगवार ने सांसदों से अनुरोध किया कि वे वस्त्र क्षेत्र के प्रति प्रत्येक क्षेत्र के अनोखी योगदान को बेहतर ढंग से समझने के लिए देशभर के विभिन्न स्थानों का दौरा करें। आज आयोजित इस बैठक में लोकसभा सदस्य श्री गोपाल सी. शेट्टी और प्रो. रविन्द्र वी. गायकवाड़ तथा राज्यसभा से श्री आनंद भास्कर रापोलु ने भाग लिया।
इससे पहले इस समिति की बैठक 2 दिसंबर 2015 को नई दिल्ली में ‘कॉटन एंड स्किल’ पर हुई थी।
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